बह पेट साफ नहीं होता? जानिए आयुर्वेद और साइंस के अनुसार इसका स्थायी समाधान
क्या आपको सुबह पेट ठीक से साफ नहीं होता? क्या बार-बार टॉयलेट जाने के बावजूद हल्कापन महसूस नहीं होता? अगर हाँ, तो इसे नजरअंदाज बिल्कुल न करें। आयुर्वेद और मॉडर्न साइंस दोनों इस बात को मानते हैं कि 90% से ज़्यादा बीमारियाँ पेट में जमा गंदगी से ही शुरू होती हैं।
जब आंतों में मल कई दिनों तक रुका रहता है, तो वह सड़ने लगता है और शरीर में टॉक्सिन्स बनने लगते हैं। यही टॉक्सिन्स फिर गैस, एसिडिटी, स्किन प्रॉब्लम्स और थकावट जैसे लक्षणों का कारण बनते हैं।
कब्ज का इलाज – दवा नहीं, जड़ से समाधान चाहिए
आजकल बहुत से लोग सीधे दवा या पाउडर लेकर कब्ज को दबा देते हैं। लेकिन ये टेंपररी सॉल्यूशन होते हैं। इससे आंतें और भी कमजोर हो जाती हैं। असली इलाज है – डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव।
यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर का एक संकेत है कि खानपान और लाइफस्टाइल में कुछ गड़बड़ी हो रही है। यदि हम अपने खानपान को सही कर लें, तो पुरानी से पुरानी समस्या भी दूर हो सकती है। कब्ज का टेम्पररी समाधान बनाने वाली गोलियों का सेवन जड़ से समस्या को नहीं हल करता, बल्कि आंतों को कमजोर कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम इन मूल कारणों को समझें और उनसे निपटें। अब बात करते हैं उन कारणों की जिनसे कब्ज होता है और क्या खाएं ताकि इसे टीक किया जा सके,
कब्ज के असरदार घरेलू उपाय (साइंटिफिक और आयुर्वेदिक दोनों)
सबसे पहले, सुबह पेट साफ करने का सबसे प्रभावी तरीका है कि रात को सोने से पहले गर्म दूध पीएं। दूध एक हल्का लैक्सेटिव होता है, जो आंतों में स्टूल की गति को तेज करता है। गुनगुना दूध पीने से स्लिपरी और चिकना अनुभव होता है, जिससे मल आसानी से पास हो जाता है।
यदि आप डाइटिंग के कारण ऑयललेस या सूखे भोजन से बचते हैं, तो भी आंतें सूख जाती हैं, जिससे मल पास नहीं होता। इसलिए, कच्ची घानी का कोल्ड प्रेस्ड ऑयल और देसी घी का सेवन जरूर करें। आप दूध में सौंफ, अदरक, और हरी इलायची भी उबाल सकते हैं। इससे पेट साफ होने में मदद मिलती है।
अगर समस्या बहुत ज्यादा हो, तो रात को आधा चम्मच छोटी हरड़ का पाउडर और एक चम्मच ईसबगोल को थोड़े से दूध में मिलाकर पीएं। यह तुरंत असर करेगा, पर यह इमरजेंसी उपाय है, इसे रोजाना की आदत न बनाएं। हफ्ते में 10 दिन ऐसा कर सकते हैं। याद रखें कि अधिक गोलियों का सेवन आंतों को कमजोर कर सकता है, इसलिए इनसे बचें।
गर्म पानी भी बहुत लाभकारी है। इसे पीने से आंतें साफ होती हैं और मल जल्दी पास होता है। आयुर्वेद में इसे ताम्र जल कहा गया है। रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह बिना ब्रश किए ही गर्म करके पीएं। यह पानी एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी रखता है, जो पाचन में मदद करता है। बैठकर या आराम से खड़े होकर इसे पीएं। पेट की मसाज भी मददगार है—राइट हाथ से पेट को क्लॉकवाइज मसाज करें और साइड वेज स्ट्रेच करें। इससे प्रेशर बनता है और मल आसानी से बाहर निकलता है।
टॉयलेट में सही तरीके से बैठना भी जरूरी है। ट्रेडिशनल भारतीय टॉयलेट का एंगल अधिक साइंटिफिक माना जाता है। यदि वेस्टर्न टॉयलेट है, तो पैर के नीचे स्टूल रखकर या आगे झुककर बैठें। इससे प्रेशर बढ़ता है और मल पास होता है। टॉयलेट में बैठते ही प्रेशर महसूस न हो तो थोड़ा लंबी सांस लें, आंखें बंद करें और मन को शांत करें। इससे शरीर के मसल्स रिलैक्स होते हैं और मल आसानी से निकलता है।
सूर्योदय से पहले उठकर टॉयलेट जाना भी फायदेमंद है। रातभर शरीर डिटॉक्स होता है, और सुबह मल त्यागने का प्रोसेस आसान होता है। यदि आप देर से उठते हैं या फोन चलाते रहते हैं, तो टॉयलेट का समय मिस कर देते हैं। इसलिए, सुबह उठते ही सबसे पहले टॉयलेट करें। पेट साफ होने के लिए आप हल्के वॉक भी कर सकते हैं। वॉक से आंतों की मसल्स एक्टिवेट हो जाती हैं, जिससे मल पास होने में आसानी होती है। यदि बाहर वॉक करना संभव न हो, तो घर में कपालभाति जैसी एक्सरसाइज कर सकते हैं।
डिटॉक्सिफिकेशन के लिए सप्ताह में एक बार फास्टिंग भी लाभकारी है। पूरे दिन फलों, सूप, और हल्के दलिये का सेवन करें। रात का खाना हल्का और जल्दी खाएं। इससे डाइजेशन अच्छा होगा और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याएं नहीं होंगी। डिनर के बाद थोड़ी देर टहलें—यह आंतों को सक्रिय करता है और कब्ज से राहत देता है।
अपने खानपान में फाइबर जरूर शामिल करें। मैदा से बनी चीजें जैसे चिप्स, बिस्किट्स, पेस्ट्री, और पिज्जा से बचें। इन में फाइबर कम होता है, जो मल को चिपकाने का कारण बनता है। इसके बजाय, ओट्स, हरी सब्जियां, फल जैसे सेब, अमरूद, पपीता, और अनार खाएं। खासतौर पर अंजीर बहुत फायदेमंद है—इसे पानी में भिगो दें, ताकि वह फूल जाए और मीठा हो जाए। यह कब्ज से राहत दिलाता है।
रात का हल्का भोजन करें—दाल, चावल, खिचड़ी या सब्जियों का सूप श्रेष्ठ है। रात को जल्दी खाना खाएं और उसके बाद हल्की वॉक करें। इससे डाइजेशन बेहतर होगा और कब्ज की समस्या दूर होगी। तनाव भी कब्ज का कारण हो सकता है, इसलिए दिनभर की चिंता छोड़कर हल्का महसूस करें। तनाव कम करने के लिए योग, प्राणायाम, और ध्यान भी मददगार हैं।
सुबह जल्दी उठें, और बिना फोन चलाए सीधे टॉयलेट जाएं। फोन का इस्तेमाल टहलने या आराम से बैठने के बजाय, शरीर को डिटॉक्स करने का मौका दें। इस तरह, आपकी समस्या जड़ से खत्म होने लगेगी।
निष्कर्ष:
इन घरेलू उपायों और लाइफस्टाइल में बदलाव को अपनाकर आप कब्ज, आईबीडी, पाइल्स जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। याद रखें, यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह आपके खानपान और जीवनशैली का परिणाम है। खुद पर ध्यान दें, सही आदतें अपनाएं, और स्वस्थ जीवन का आनंद लें।
“पेट साफ, तो शरीर साफ – और शरीर साफ तो मन भी प्रसन्न।”
हर चीज का एक नीयम होता है उसके हिसाब से चलना चाहिए