कब्ज यानी Constipation: एक आम और खतरनाक समस्या
कब्ज आज के समय में एक ऐसी बीमारी बन चुकी है जिसे हम पूरी तरह नजरअंदाज कर देते हैं। यदि इसे देशभर में देखा जाए, तो यह एक ऐसी समस्या है जिसका सामना लगभग हर घर का कोई न कोई सदस्य करता है। यह इतनी आम हो चुकी है कि इसे ‘कोमी बीमारी’ भी कहा जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कब्ज केवल एक असहजता का कारण नहीं है, बल्कि यह आपकी सेहत को गंभीर खतरे में भी डाल सकती है?
कब्ज क्यों होती है? और इसे कैसे टीक किया जा सकता है ? आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
कब्ज की पहचान और लक्षण
सबसे पहले जरूरी है कि आप जानें कि आप कब कब्ज के शिकार हैं। यदि सप्ताह में तीन बार या उससे कम बार आप बाथरूम जाते हैं और पास होने वाला स्टूल सख्त और सूखा होता है, तो यह संकेत है कि आपको कब्ज है। यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
कब्ज क्यों होती है?
हमारे शरीर में हर दिन खुराक का पाचन और निकास जरूरी है। यह प्रक्रिया हमारे पेट, छोटी आंत और बड़ी आंत के जरूरी कार्यों पर निर्भर है। यदि इन प्रणालियों में कोई गड़बड़ी आ जाए या हमारा जीवनशैली असंतुलित हो, तो कब्ज की समस्या जन्म लेती है।
मेदे का तेजाब और उसकी भूमिका
खाने के बाद खुराक मेदे में जाती है, जहां इसके पाचन के लिए तेजाब (एचसीएल) का उत्पादन होता है। यह तेजाब खुराक को तोड़ने में मदद करता है और बैक्टीरिया को मारता है। यदि मेदे का तेजाब कमजोर हो, तो खुराक का पाचन धीमा हो जाता है, जिससे खुराक सूखकर कठोर हो जाती है और पास होना मुश्किल हो जाता है।
जीवनशैली का असर
अधिकतर लोग देर से खाना, अनियमित दिनचर्या, कम पानी पीना और तनावग्रस्त जीवनशैली की वजह से कब्ज के शिकार हो जाते हैं। साथ ही, सोने और जागने का सही रूटीन न होना भी इस समस्या को बढ़ावा देता है।
कब्ज से बचाव और प्राकृतिक उपाय
आपको अपनी दिनचर्या और जीवनशैली में कुछ आसान बदलाव करने होंगे, जिनसे कब्ज की समस्या दूर हो सकती है।
1. सही आहार और फाइबर का सेवन
खाने में फाइबर का भरपूर इस्तेमाल करें। सब्जियां, फल, और सलाद अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। खासतौर पर, खाने से पहले सलाद लेने की आदत डालें। फाइबर खुराक को हजम करने में मदद करता है और मल को नरम बनाकर निकालना आसान बनाता है।
2. पानी का सही सेवन
दिन में कम से कम 10 गिलास पानी जरूर पीएं। लेकिन यदि आप कब्ज के मरीज हैं और आपका शरीर ‘कैटाबॉलिक’ स्थिति में है, तो पानी पीने के साथ-साथ अपने भोजन के समय का भी विशेष ध्यान रखें। सूरज की पहली किरण में बैठें, इससे आपके शरीर का सर्केट रिदम सही होगा और कब्ज से राहत मिलेगी।
3. नियमित व्यायाम
सिर्फ बैठे रहने से काम नहीं चलेगा। रोजाना सुबह जल्दी उठकर वॉक करें या हल्का फुल्का व्यायाम करें। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होगा और मल को पास करने में आसानी होगी।
4. सही पोश्चर और बाथरूम का सही तरीका
बाथरूम में बैठने का सही तरीका अपनाएं। यदि आप सामान्य कमोड का उपयोग करते हैं, तो घुटनों को ऊपर उठाकर बैठें। इससे कोलन और रेक्टम का एंगल सही होता है और मल पास करना आसान हो जाता है। मोबाइल का इस्तेमाल न करें, बल्कि अपने ध्यान को केंद्रित करें।
5. फाइबर से भरपूर प्राकृतिक आहार
हरी सब्जियां, फल और अनाज का सेवन करें। विशेष रूप से, फलों में अमरूद, सेब, केले जैसे फल फाइबर से भरपूर होते हैं। खाने के पहले सलाद की आदत डालें। इससे खुराक की पाचन शक्ति बढ़ती है।
6. प्राकृतिक और हर्बल उपाय
अधिकांश लोग हर्बल मेडिसिन की मदद से कब्ज से राहत पा सकते हैं। हर्बल ड्रॉप्स या गोलियां, जो बिना साइड इफेक्ट के बाजार में आसानी से मिल जाती हैं, उनका सेवन करें। इससे मल कठोर होने से रुकता है और निकासी आसान हो जाती है।
7. समय पर सोना और जागना
अपनी नींद का रूटीन ठीक करें। जल्दी सोएं और जल्दी उठें। फज़र की नमाज़ के बाद सूरज की पहली किरण में बैठें। इससे मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो शरीर की सर्केट रिदम को सही करता है।
कब्ज से जुड़ी सावधानियां
– जब भी आपको लगे कि मल आ रहा है, तो उसे टालें नहीं। उसे तुरंत पास करें, ताकि टॉक्सिन शरीर से बाहर निकल सकें।
– बाथरूम में आराम से बैठें, मोबाइल का इस्तेमाल न करें। मानसिक रूप से अपने शरीर को आराम दें।
– यदि कब्ज ज्यादा दिन तक रहती है, तो हर्बल उपाय ही अपनाएं। एलोपैथिक दवाइयों से बचें, क्योंकि ये अधिकतर अस्थायी राहत देती हैं और साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
अंतिम सलाह
कब्ज की समस्या को हल्के में न लें। यह शुरुआत में ही सही कर लें, ताकि यह गंभीर बीमारियों का रूप न ले सके। अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं, सही आहार, नियमित व्यायाम और प्राकृतिक उपाय अपनाएं। यदि समस्या बहुत पुरानी है, तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
**ध्यान रखें:** स्वस्थ जीवनशैली ही कब्ज से हमेशा के लिए छुटकारा दिला सकती है। अपने शरीर का ख्याल रखें, और अपनी सेहत को प्राथमिकता दें।