फैटी लिवर: सिर्फ मोटे या शराब पीने वालों को नहीं होता
| Fatty Liver in Lean Individuals
आजकल फैटी लिवर एक बहुत ही आम समस्या बन गई है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि फैटी लिवर केवल शराब पीने वालों या बहुत अधिक वज़न वाले लोगों को ही होता है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। कई दुबले-पतले लोग भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, जिसे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) कहते हैं। करीब 10-20% दुबले लोगों में भी यह बीमारी पाई जाती है, जिनका BMI (बॉडी मास इंडेक्स) 23 से भी कम होता है।
तो आखिर दुबले लोगों को फैटी लिवर क्यों होता है?
दुबले लोगों में फैटी लिवर के कारण, Causes of Fatty Liver in Lean Individuals
अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद के डॉ. रोहित मेहतानी के अनुसार, इसके कई कारण हो सकते हैं:
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विसरल फैट (Visceral Fat):
शरीर में फैट दो प्रकार का होता है — सबक्यूटेनियस फैट, जो त्वचा के ठीक नीचे होता है, और विसरल फैट, जो आंतरिक अंगों जैसे लिवर, आंतों और पेट के आसपास जमा होता है। विसरल फैट अधिक खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह शरीर के भीतर छिपा होता है और मेटाबॉलिक बीमारियों व फैटी लिवर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है — भले ही व्यक्ति बाहर से दुबला दिखता हो। - खान-पान की आदतें: कुछ लोग बहुत चटपटा, चिप्स, नमकीन और कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं, लेकिन उनका वज़न नहीं बढ़ता। ऐसे लोगों को लगता है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन यह अनहेल्दी चीजें लिवर पर फैट जमा कर सकती हैं।
- लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियाँ: डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं फैटी लिवर का कारण बन सकती हैं, भले ही आपका वज़न सामान्य हो।
- आनुवंशिकी (Genetics): यदि आपके परिवार में डायबिटीज, हाई बीपी या फैटी लिवर का इतिहास रहा है, तो आपको भी यह समस्या हो सकती है।
फैटी लिवर के लक्षण और बचाव, Symptoms and Prevention of Fatty Liver
शुरुआती स्टेज में फैटी लिवर के कोई लक्षण नहीं दिखते, जिससे इलाज में देरी होती है। जब स्थिति गंभीर हो जाती है, तब थकान, भूख न लगना, उल्टी जैसा महसूस होना और पेट के दाएं हिस्से में दर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
बचाव के उपाय:
- स्वस्थ जीवनशैली: पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां, मोटा अनाज, राजमा, सोया और एवोकाडो को अपनी डाइट में शामिल करें।
- कुछ चीजों से परहेज़: पिज्जा, रेड मीट, फ्राइड फूड, चीनी वाली चीजें (कैंडी, कुकीज, सोडा, फ्रूट जूस) और शराब से बचें।
- नियमित व्यायाम: रोज़ाना व्यायाम करें और स्वस्थ वज़न बनाए रखें।
- टीकाकरण और चेकअप: वायरल हेपेटाइटिस से बचाव के लिए टीका लगवाएं और समय-समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) करवाते रहें।