कमजोर और डैमेज नसों को ठीक करने वाले 7 बेहतरीन विटामिन्स – जानिए फायदे और स्रोत
हमारी बॉडी के अंदर मौजूद नसें और नर्व्स हमारी इलेक्ट्रिकल वायरिंग की तरह हैं। जैसे घर की वायरिंग में अगर किसी तार में खराबी हो जाए या शॉर्ट सर्किट हो, तो वहां जुड़ी सारी उपकरणें काम करना बंद कर देती हैं। इसी तरह, यदि हमारे नर्व्स में कोई दिक्कत आ जाए या डैमेज हो जाए, तो उससे शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जगह जगह सुन्नपन, झनझनाहट, दर्द, गर्माहट का अहसास और कमजोरपन जैसी शिकायतें हो सकती हैं। अगर स्थिति गंभीर हो जाए, तो उस क्षेत्र का काम भी बंद हो सकता है, जिसे हम लकवा या फालिज कहते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास विटामिन्स ऐसे हैं जो डैमेज्ड नर्व्स की मरम्मत कर सकते हैं और उन्हें मजबूत बना सकते हैं? आज मैं आपको उन सात महत्वपूर्ण विटामिन्स के बारे में जानकारी देना चाहता हूँ, जिनकी मदद से आप अपने नर्व सिस्टम को ठीक कर सकते हैं। साथ ही, मैं यह भी बताऊंगा कि इन विटामिन्स को आप अपनी रोजमर्रा की डाइट में किन खाद्य पदार्थों से शामिल कर सकते हैं।
विटामिन B12
यह विटामिन खासतौर पर नसों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यदि आपको न्यूरोपैथी जैसी समस्या है तो B12 का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह विटामिन न सिर्फ नसों को मजबूती देता है, बल्कि न्यूरॉन्स के बीच इलेक्ट्रिकल सिग्नल ट्रांसमिशन को भी आसान बनाता है।
खानपान के स्रोत: मांस, चिकन, मछली, अंडा, दूध और डेयरी उत्पाद। यदि आप शाकाहारी हैं तो दूध और अंडा खाकर इसकी पूर्ति कर सकते हैं।
विटामिन E
यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो नसों में होने वाली ऑक्सीडेटिव डैमेज को रोकता है। यह आपकी इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है, जिससे संक्रमण से राहत मिलती है जो नसों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
खानपान के स्रोत:बादाम, मूंगफली, हरी सब्जियां जैसे पालक, शाकाहारी लोग इन चीजों का सेवन कर सकते हैं।
एएलए (अल्फा लिपोइक एसिड)
प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाला यह कंपाउंड शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और नसों में सूजन व इंफ्लेमेशन को घटाता है।
खानपान के स्रोत: पालक, ब्रोकली, हरी सब्जियां।
विटामिन B1 (थायमिन)
यह विटामिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनकी ब्लड शुगर अधिक हो। यह नसों को मजबूत बनाता है और डैमेज की मरम्मत में मदद करता है।
खानपान के स्रोत: गेहूं, दालें, सोयाबीन, होल व्हीट ब्रेड।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स
ये नसों को पोषण देने वाले हैं और ब्रेन फंक्शन को भी बेहतर बनाते हैं।
खानपान के स्रोत:अखरोट, सूरजमुखी के बीज, शिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स, मछली (सामन, मैकेरल), फिश ऑयल।
मिनरल्स: मैग्नीशियम
यह मिनरल माइलिन शीथ को मजबूत करता है, जो नसों को सुरक्षित रखता है।
खानपान के स्रोत: सेंधा नमक, बादाम, कद्दू के बीज, पालक।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां: अश्वगंधा
यह नसों को आराम देती है, ताकत बढ़ाती है और तनाव को कम करती है। शरीर में ऊर्जा और सहनशक्ति को भी बढ़ावा देती है।
खानपान के स्रोत: अश्वगंधा की जड़ का सेवन कैप्सूल या पाउडर के रूप में किया जा सकता है।
अपनी डाइट में इन विटामिन्स और तत्वों को शामिल करने के आसान तरीके:
– नॉन वेजिटेरियन हैं तो चिकन, मछली और अंडे खाएं।
– शाकाहारी हैं तो दूध, पनीर, दालें, हरी सब्जियां और सूखे मेवे लें।
– बादाम और मूंगफली को रातभर भिगोकर सुबह खाएं।
– हफ्ते में दो बार पालक, ब्रोकली जैसे हरी सब्जियां खाएं।
– फिश ऑयल या फ्लैक्स सीड्स का सेवन करें।
– सेंधा नमक का इस्तेमाल करें, सामान्य नमक की जगह।
सप्लीमेंट का विकल्प:
अगर आप इन पोषक तत्वों को अपनी डाइट में सही मात्रा में शामिल नहीं कर पा रहे हैं, तो एक अच्छा विकल्प है ‘
Fytika Vita 365
नाम का नेचुरल सप्लीमेंट। यह अद्भुत फॉर्मूला इन सभी विटामिन्स, मिनरल्स, ट्रेस एलिमेंट्स और जड़ी-बूटियों का संयोजन है, जो नसों की मरम्मत, इम्यून सिस्टम मजबूत करने और संपूर्ण स्वास्थ्य को सपोर्ट करता है। इसे आप रोजाना एक टेबलेट लेकर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, और इसकी प्रभावशीलता से आप खुद ही आश्चर्यचकित रह जाएंगे।
निष्कर्ष:
आपकी नसें और नर्व्स शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन्हें स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए सही पोषण, संतुलित आहार और आवश्यक विटामिन्स का सेवन जरूरी है। अपने खानपान में इन प्राकृतिक स्रोतों को शामिल करें और जरूरत पड़े तो विशेषज्ञ की सलाह लेकर सप्लीमेंट का भी सहारा लें। स्वस्थ नसें, मजबूत जीवन की कुंजी हैं!