पेट की चर्बी और 90% बीमारियों की छुट्टी! रोज़ सुबह करें बस ये 2 आसान काम
क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? आप घंटों दौड़ते हैं, पसीना बहाते हैं, लेकिन वज़न का काँटा एक इंच भी नहीं खिसकता। वहीं दूसरी तरफ, आपका कोई दोस्त आराम से ज़िंदगी जीता है और फिर भी आपसे ज़्यादा फिट दिखता है। यह देखकर गुस्सा और निराशा दोनों होती है, है ना?
अगर आप भी पेट की ज़िद्दी चर्बी, गैस, एसिडिटी या दिन-भर की थकान से परेशान हैं, तो कहीं मत जाइए। आज हम आपको दो ऐसे अचूक उपाय बता रहे हैं, जिन्हें भारत के ऋषि-मुनियों ने हमें दिया है और जो आपकी 90% स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान बन सकते हैं। और सबसे अच्छी बात? इन्हें करने के लिए आपको जिम जाने या भारी-भरकम कसरत करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
आप इन्हें आराम से अपने बिस्तर पर या कुर्सी पर बैठे-बैठे भी कर सकते हैं!
1. कपालभाति: शरीर की सफाई और फैट बर्निंग का पावरहाउस
कपालभाति कोई साधारण एक्सरसाइज़ नहीं, यह एक शक्तिशाली क्रिया है। इसका नाम ही इसका सबसे बड़ा फायदा बताता है: कपाल (माथा) + भाति (चमक)। इसे रोज़ करने से सिर्फ़ आपका पेट कम नहीं होता, बल्कि चेहरे पर एक अनोखा तेज और चमक भी आती है।
कैसे करें कपालभाति?
यह बहुत आसान है। आपको बस अपनी साँस नाक से बाहर फेंकनी है, पेट अपने आप अंदर जाएगा।
- आराम से बैठें: किसी भी आरामदायक जगह (कुर्सी, बिस्तर, ज़मीन) पर कमर सीधी करके बैठ जाएँ।
- सिर्फ़ साँस छोड़ें: अपना पूरा ध्यान सिर्फ़ नाक से साँस को ज़ोर से बाहर फेंकने पर लगाएँ। साँस लेने की चिंता न करें, शरीर दो स्ट्रोक के बीच में अपने आप साँस ले लेगा।
- पेट का मूवमेंट: हर बार जब आप साँस बाहर फेंकेंगे, तो महसूस करेंगे कि आपका पेट अंदर की ओर खिंच रहा है। यही सही तरीका है।
- लय बनाएँ: शुरुआत में एक सेकंड में एक स्ट्रोक करें। यानी एक मिनट में 60 स्ट्रोक। थक जाएँ तो कुछ सेकंड रुकें और फिर शुरू करें। 10 मिनट में आप आराम से 500 स्ट्रोक कर सकते हैं।
कपालभाति के चमत्कारी फायदे
- मेटाबॉलिज़्म बूस्ट: यह बैठे-बैठे आपके मेटाबॉलिज़्म को तेज़ करता है, जिससे फैट बर्न होने की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है।
- ज़बरदस्त ब्लड सर्कुलेशन: 10 मिनट कपालभाति करने से शरीर में उतना ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जितना 10 मिनट तेज़ दौड़ने से भी नहीं होता, वो भी बिना घुटनों पर ज़ोर डाले।
- आंतरिक अंगों की मालिश: यह पेट के अंदर मौजूद लिवर, पैंक्रियास, किडनी जैसे सभी अंगों की मालिश करके उन्हें स्वस्थ बनाता है। फैटी लिवर और डायबिटीज जैसी समस्याओं में यह रामबाण है।
- बॉडी डिटॉक्स: जैसे बहता हुआ पानी हमेशा साफ़ रहता है, वैसे ही कपालभाति शरीर की सारी गंदगी (टॉक्सिन्स) और एक्स्ट्रा गैस को बाहर निकालकर नसों को साफ़ करता है।
- बीमारियों से बचाव: यह क्रिया कैंसर, ब्लड प्रेशर, थायराइड, किडनी स्टोन, जोड़ों के दर्द और माइग्रेन तक में फायदेमंद मानी गई है।
याद रखें: कपालभाति एक संजीवनी बूटी की तरह है। हर स्ट्रोक आपके शरीर पर जमी बीमारियों की दीवार पर एक हथौड़े की तरह काम करता है।
2. अनुलोम-विलोम: मन की शांति और दिमाग की शक्ति के लिए
कपालभाति जहाँ शरीर में गर्मी और ऊर्जा पैदा करती है, वहीं अनुलोम-विलोम उसे संतुलित कर मन को शांत करता है। यह एक तरह से आपके वर्कआउट के बाद का ‘कूल डाउन’ सेशन है।
कैसे करें अनुलोम-विलोम?
इसका तरीका भी बेहद सरल है।
- आराम से बैठें। अपने दाहिने हाथ के अँगूठे से दाहिनी नासिका (nostril) बंद करें।
- बाईं नासिका से गहरी और लंबी साँस अंदर भरें।
- अब अपनी अनामिका (ring finger) से बाईं नासिका को बंद करें और दाहिनी नासिका से साँस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें।
- अब दाहिनी नासिका से ही साँस को वापस भरें।
- फिर अँगूठे से दाहिनी नासिका बंद करके बाईं ओर से साँस छोड़ दें।
- यह एक चक्र पूरा हुआ। इसी प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक दोहराएँ।
अनुलोम-विलोम के अद्भुत लाभ
- बेहतर नींद: अगर आपको रात में नींद नहीं आती, तो बिस्तर पर लेटे-लेटे 5 मिनट अनुलोम-विलोम करें, कब सो जाएँगे पता भी नहीं चलेगा।
- तनाव और चिंता से मुक्ति: यह आपके नर्वस सिस्टम को शांत करता है, जिससे एंग्जायटी, डिप्रेशन और निगेटिव विचार दूर होते हैं।
- बढ़ी हुई एकाग्रता: इसे ‘नाड़ी शोधन प्राणायाम’ भी कहते हैं क्योंकि यह दिमाग के दाएँ और बाएँ, दोनों हिस्सों को सक्रिय करता है। इससे छात्रों की याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है।
- ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है: शरीर में ऑक्सीजन का भरपूर स्तर कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोकता है।
- दिल और बीपी के लिए फायदेमंद: यह हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य करता है और दिल को स्वस्थ रखता है।
कपालभाति vs. अनुलोम-विलोम: एक तुलना
Read More : Glowing aur Youthful Skin के लिए 15 Din का Easy Scientific Guide
सफलता की कुंजी: बस शुरू करें और टिके रहें
अक्सर हम दो-चार दिन कोई नई चीज़ करते हैं और फिर छोड़ देते हैं। प्राणायाम का फायदा भी तभी दिखता है जब इसे नियमित रूप से किया जाए।
इसे ऐसे समझें: अगर आप दूध को गैस पर उबालने के लिए रखें और हर 2 मिनट में गैस बंद कर दें, तो दूध कभी नहीं उबलेगा। कपालभाति करना भी शरीर के अंदर की गंदगी को उबालकर बाहर फेंकने जैसा है। इसे रोज़ाना समय दें ताकि यह अपना काम पूरा कर सके।
बस एक नियम बनाएँ: रोज़ सुबह उठकर पानी पिएँ और फिर 10 मिनट कपालभाति और 5 मिनट अनुलोम-विलोम करें। यह 15 मिनट का निवेश आपको डॉक्टरों और दवाइयों से दूर रखेगा और एक स्वस्थ, ऊर्जावान और खुशहाल जीवन देगा।
तो, क्या आप कल से शुरू करने के लिए तैयार हैं?