क्या आप सचमुच शुद्ध पानी पी रहे हैं? TDS मीटर से जानें घर के पानी की सच्चाई
आजकल शुद्ध पानी पीना हमारी सेहत के लिए सबसे ज़रूरी हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस पानी को आप शुद्ध समझकर पीते हैं, उसका TDS (Total Dissolved Solids) लेवल कितना है?
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम जानेंगे कि पानी का TDS लेवल क्यों महत्वपूर्ण है और कैसे पारंपरिक तरीके, जैसे तांबे के बर्तन और घड़े का पानी, आपके पीने के पानी की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं।
TDS क्या है और यह क्यों मायने रखता है?
TDS का अर्थ है ‘Total Dissolved Solids’, जिसका मतलब है पानी में घुले हुए ठोस पदार्थों की कुल मात्रा। इन ठोस पदार्थों में मुख्य रूप से कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम और क्लोराइड जैसे ज़रूरी मिनरल्स होते हैं।
पानी में TDS की मात्रा न तो बहुत ज़्यादा होनी चाहिए और न ही बहुत कम। सही TDS लेवल शरीर के लिए आवश्यक मिनरल्स को सुनिश्चित करता है।
हम जो पानी पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं उसका TDS लेवल कितना होना चाहिए?
पानी का TDS लेवल उसकी गुणवत्ता को दर्शाता है। आमतौर पर, पीने के पानी के लिए 50 से 150 तक का TDS लेवल अच्छा माना जाता है।
WHO (World Health Organization) के अनुसार,
-
50–150 → बेहतरीन माना जाता है
-
150–300 → अच्छी गुणवत्ता
-
300–500 → चल सकता है
-
500+ → न पीने लायक
🧪 प्रयोग की तैयारी: क्या-क्या किया गया?
हमने तीन तरह के बर्तनों में बोरवेल का पानी रखा:
-
तांबे का बर्तन – रखते समय पानी का TDS था 243 ppm
-
मिट्टी का घड़ा – रखते समय पानी का TDS था 243 ppm
-
उबला हुआ पानी (Boiled water)
प्रारंभिक TDS मापन:
इसके बाद, पानी को 48 घंटे तक इन बर्तनों में रखा गया।
पारंपरिक बनाम आधुनिक: पानी की गुणवत्ता का परीक्षण
हमने एक प्रयोग किया जिसमें बोरवेल के पानी की गुणवत्ता की तुलना तीन अलग-अलग तरीकों से की गई: तांबे के बर्तन, मिट्टी का घड़ा, और उबला हुआ पानी (Boiled Water)।
हमने इन सभी नमूनों को 48 घंटों के लिए रखा और फिर दोबारा उनका TDS लेवल मापा।
1. तांबे के बर्तन का पानी: सेहत का खजाना
48 घंटे बाद, तांबे के बर्तन में रखे पानी का TDS लेवल 243 से घटकर 214 हो गया।
तांबे के बर्तन में पानी रखने से न केवल TDS लेवल कम होता है, बल्कि यह पानी को शुद्ध करने में भी मदद करता है। आयुर्वेद में तांबे के बर्तन मे पानी पीने से कई और लाभ होते है
पाचन तंत्र को Strong बनाता है, एसिडिटि की समस्या को दूर करता है। और भी कई फायेदे हैं
2. मिट्टी के घड़े का पानी: प्राकृतिक शुद्धिकरण
48 घंटे बाद, घड़े में रखे पानी का TDS लेवल 243 से घटकर 231 हो गया।
घड़े का पानी केवल ठंडा ही नहीं रखता, बल्कि इसकी सूक्ष्म-छिद्रित संरचना (microporous structure) पानी से अशुद्धियों को प्रभावी ढंग से सोख लेती है, जिससे TDS (Total Dissolved Solids) का स्तर कम होता है। इस प्राकृतिक प्रक्रिया से घड़े का पानी पीने योग्य और स्वास्थ्यवर्धक बनता है।
3. उबला हुआ पानी (Boiled Water): TDS पर प्रभाव
पानी को उबालने के बाद, उसका TDS लेवल 349 पाया गया।
पानी उबालने से बैक्टीरिया और वायरस तो मर जाते हैं, लेकिन TDS पर कोई खास असर नहीं पड़ता। उबले हुए पानी में घुले हुए ठोस पदार्थों की मात्रा अक्सर बढ़ जाती है।
क्या पारंपरिक तरीके RO से बेहतर हैं?
आजकल RO (रिवर्स ऑस्मोसिस) सिस्टम का उपयोग काफी बढ़ गया है। RO सिस्टम पानी से TDS (टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड्स) को काफी हद तक कम कर देता है, पर इस प्रक्रिया में कई बार पानी में मौजूद ज़रूरी मिनरल्स भी हट जाते हैं।
हमारे प्रयोग से यह साबित हुआ कि तांबे के बर्तन और घड़े का पानी TDS लेवल को कम करने में प्रभावी हैं, और वे पानी में प्राकृतिक मिनरल्स को बनाए रखते हैं।
मिट्टी का घड़ा और तांबे का बर्तन किसी RO से कम नहीं हैं। वे पानी को पीने योग्य बनाते हैं और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी होते हैं।
यदि आप शुद्ध और स्वस्थ पानी पीना चाहते हैं, तो पारंपरिक घड़े का इस्तेमाल ज़रूर करें।
Read Also : पानी और इंसान के जीवन का गहरा रिश्ता / Water and Humans: The Real Facts Everyone Should Know!
अपने पानी का TDS लेवल कैसे जांचें?
आप आसानी से TDS मीटर खरीदकर अपने घर के पानी का TDS लेवल खुद जांच सकते हैं। यह एक किफायती उपकरण है जो आपको यह जानने में मदद करता है कि आपका पानी पीने के लिए कितना सुरक्षित है।
सही जानकारी और सही उपकरणों का उपयोग करके आप हमेशा शुद्ध पानी पी सकते हैं और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं।